एलोवेरा (घृतकुमारी) से त्वचा की सुंदरता, औषधीय गुण व नुकसान और फायदे

एलोवेरा (घृतकुमारी) से त्वचा की सुंदरता, औषधीय गुण व नुकसान और फायदे (Aloe Vera Benefits)

एलोवेरा (Aloe Vera) का नाम तो हम बहुत सुन लिए, औषधीय गुण भी पाए जाते हैं यह भी सुन लिए, परंतु अब जानते हैं एलोवेरा की महत्वता (Aloe Vera Benefits) के बारे में, स्किन (Skin) की प्रॉब्लम हो या फिर त्वचा की सुंदरता बढ़ाना हो, आयुर्वेदा से लेकर शरीर के किसी घाव को ठीक कराना हो, हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट हो या फिर अन्य किसी कार्य में उपयोग लाना हो, इन सबसे परे अनगिनत गुण पाए जाते हैं एलोवेरा के पत्तों में, जो आप आगे जाने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं एलोवेरा के औषधीय गुणों के बारे में

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हजारों सालों के आयुर्वेदिक पौराणिक ग्रंथों में भी एलोवेरा (Aloe Vera) के संबंध में कई सारी अच्छी बातों का उल्लेख मिलता है। जो हमारे स्वास्थ्य (Health) संबंधित बेहद ही लाभकारी है। एलोवेरा को संस्कृत भाषा में घृतकुमारी या ग्वारपाठा भी कहा जाता है, जो सुंदरता को बढ़ाने में बेहद ही कारगर उपाय है। और स्त्री संबंधित सुंदरता बढ़ाने में भी वरदान स्वरूप है. ग्वारपाठा यानी कि एलोवेरा

एलोवेरा (Aloe Vera) में पाए जाने वाले एंटी–बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक जैसे गुणों के साथ एलोवेरा में पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट भी देखे गए हैं। जो स्वास्थ्य संबंधित बेहद ही लाभकारी है. और पॉलीफेनोल्स प्रकार के पदार्थों से जुड़े हुए होते हैं। जो हमारी त्वचा की समस्याओं से लेकर शरीर के किसी घाव को भरने में भी उपयुक्त होते हैं। आयुर्वेदिक औषधियों में एलोवेरा को संजीवनी के रूप में भी जाना जाता है। इसकी 200 जातियां पाई जाती है, जिनमें से प्रथम 5 मानव शरीर के लिए ही उपयुक्त मानी जाती है। इसमें से प्रथम स्थान पर है बारना डेंसीस नाम की प्रजाति

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सामान्य जैसा लगने वाला एलोवेरा का पौधा औषधीय गुणों से संपूर्ण होने के कारण इस पौधे का कोई अंत नहीं है। क्योंकि इससे रूखी त्वचा, पेट की समस्या, जोड़ों का दर्द, डायबिटीज, झुर्रियों, त्वचा की खराबी, मुंहासे, चेहरे के दाग-धब्बों, फटी एड़ियों, आंखों के काले घेरों, धूप से झुलसी त्वचा, बवासीर, और यहां तक की खून की कमी को दूर करने के साथ तथा शरीर संबंधित भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सक्षम है। और यहां तक की एलोवेरा के गूदा यानी इसका जेल निकालने के पश्चात यदि आप अपने बालों को लगाते हैं तो काले और घने लंबे एवं मजबूत स्थिति में बनते हैं।  

एलोवेरा के अन्य भाषाओं में नाम:-

Other languages In Aloe Vera Name:-

1. Hindi – घीकुआँर, ग्वारपाठा, घीग्वार

2. Sanskrit – कुमारी, गृहकन्या, कन्या, घृतकुमारी    

3. English – एलो वेरा (Aloe vera), कॉमन इण्डियन एलो (Common Indian aloe) कॉमन एलो (Common aloe), बारबडोस एलो (Barbados aloe), मुसब्बार (Musabbar), 

4. Gujarati – कुंवार (Kunwar), कड़वी कुंवर (Kadvi kunvar)

5. Marathi – कोरफड (Korphad), कोराफण्टा (Koraphanta)  

6. Persian – दरखते सिब्र (Darkhate sibre), दरख्तेसिन (arkhteesinn)  

7. Kannada – लोलिसर (Lolisar)

8. Nepali – घ्यूकुमारी (Giukumari)

9. Tamil – कत्तालै (Kattale), अंगनी (Angani), अंगिनी (Angini)

10. Bengali – घृतकुमारी (Ghritkumari)

11. Telugu – कलबन्द (Kalband), एट्टाकलाबन्द (Ettakalaband)

12. Malayalam – छोट्ठ कथलाइ (Chotthu kathalai)

13. Punjabi – कोगर (Kogar), कोरवा (Korwa)

14. Arabic – तसाबार अलसी (Tasabrar alsi), मुसब्बर (Musabbar)

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एलोवेरा (Aloe Vera) की खेती भारत के सभी हिस्सों में की जाती है। इनमें से मुख्य स्थान पर गुजरात मुंबई और दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में खेती की जाती है। इसकी खेती बलुई और अच्‍छी तरह से सूखी जमीन पर की जाती है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में इसे व्‍यापक तौर पर उगाया जाता है। और यहां तक कि घर के गमले में भी एलोवेरा के पौधे को लगाया जाता है। 

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