श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर: धरती का ऐसा, ओम्कारेश्वर मंदिर जहा आज भी आते हैं। भगवान शिव
12 द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर, जिसका अद्भुत रहस्य जानकार हैरान हो जाओगे आप, हिंदू धर्म पौराणिक कथाओं के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar jyotirlinga) से जुड़ी कई मान्यताएं है। जिसमें से एक बडी मान्यता ऐसी है कि आज भी महादेव और माता पार्वती जी प्रतिदिन तीनो लोकों में ब्रह्मण करने के पश्चात रात्रि में विश्राम करने ओमकारेश्वर मंदिर (Omkareshwar mandir) आते हैं। महादेव की इस चमत्कारिक और रहस्यमय ज्योतिर्लिंग के संबंध में ऐसा भी मानना है कि इस पावन तीर्थ पर जल चढ़ाए बगैर व्यक्ति की सारी तीर्थ यात्राएं अधूरी मानी जाती है। महादेव जी के इस मंदिर से जुड़े अन्य कई सारे अद्भुत रहस्य है जिसे हम आगे जानेंगे
परंतु सर्वप्रथम नीचे दिए इसी संबंधित वीडियो भी उपलब्ध है। जो वीडियो के माध्यम से भी आप देख सकते हैं। Channel को करे SUBSCRIBE और Bell Icon घंटी दबाने के साथ Video को भी करें Like और देखें इस वीडियो को भी अंत तक
Related Video:-
रहस्यों से भरा हुआ आखिर कहा और कैसा है ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 
चारों ओर हरियालीओं से खिला हुआ ओमकारेश्वर मंदिर मध्य (Omkareshwar jyotirlinga madhyapradesh) प्रदेश के खंडवा जिले में ॐ के आकार में बहने वाली माँ नर्मदा नदी के तट पर, मन्धाता नाम से जान्ने वाले एक द्वीप पर स्थित है। और इसे ओम्कारेश्वर (Omkareshwar) कहने का कारण यह भी है क्योंकि यह ॐ के आकार में बहती है माँ नर्मदा नदी. आखिर यह ॐ के आकार में क्यों बहती है यह रहस्य कोई नहीं समझ पाया, मध्य प्रदेश में स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से ओमकारेश्वर मंदिर चौथे स्थान पर आता है। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता इसलिए भी मानी जाती है क्योंकि देवाधिदेव भगवान शिव शंकर यहां पर दो रूपों में विराजमान है। एक ओमकारेश्वर और दूसरे ममलेश्वर (omkareshwar & mamaleshwar) और इन दोनों रूपों में भगवान शिव की पूजा की जाती है। और इन दोनों ज्योतिर्लिंगों को ओमकारेश्वर का एक ही रूप माना जाता है। 

33 करोड़ देवताओं संघ विराजमान हैं भगवान शिव, जानिए अद्भुत रहस्य. 
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ओमकारेश्वर मंदिर को यहां ममलेश्वर व अमलेश्वर (mamaleshwar & amaleshwar)  के रूप में पूजा जाता हैं। भगवान शिव यहां 33 करोड़ देवताओं संघ विराजमान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के आसपास कुल 68 तीर्थ स्थल है। महाशिवरात्रि (mahashivratri) के पावन अवसर पर ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar jyotirlinga) के दर्शन और पूजन के लिए भारी संख्या में भक्त उपस्थित होते है। जिसे ध्यान में रखते हुए ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग को 24 घंटे दर्शन के लिए खुले रखे जाते हैं. मान्यता यह भी है कि भगवान शिव के इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन एवं पूजन करने से मनुष्य के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं।

मंदिर से जुड़ी एक धार्मिक कथा, जाने अद्भुत रहस्य
ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से जुड़ी एक अद्भुत कथा के अनुसार  मांधाता नाम के एक राजा ने की थी भगवान शिव की कठिन तपस्या, राजा मांधाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दर्शन देकर राजा को दो वरदान मांगने को कहा, राजा मांधाता ने सर्वप्रथम पहले वरदान के रूप में भगवान शिव को इसी स्थान पर विराजमान होने को कहा. और दूसरे वरदान के रूप में राजा मांधाता ने आपके नाम से मेरा भी नाम जुड़ने का वरदान मांगा, तभी से मान्यता है कि भगवान शिव यहां पर विराजमान हैं। और मान्यताओं के अनुसार उसी क्षण से भगवान शिव यहां पर विराजमान है। और इस क्षेत्र को लोग मांधाता के नाम से जानते हैं.
 
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ नर्मदा नदी का भी विशेष महत्व 
ॐ के आकार में प्रवाह होने वाली नर्मदा नदी में स्नान करके लोग ओमकारेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग (jyotirlinga) के दर्शन और पूजन करने जाते हैं। ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग का परिसर 5 मंजिला भवन के रूप में है। जहां पहली मंजिल पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है, तीसरी मंजिल पर सिद्धनाथ महादेव स्थापित है। चौथी मंजिल पर गुप्तेश्वर महादेव और पांचवी मंजिल पर राजेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। 5 मंजिल बने इस मंदिर में ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग को अमलेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। प्राचीन समय से बने यह भगवान शिव के मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है।

अन्नपूर्णा मंदिर ओमकारेश्वर, जाने महत्व
यहां पर अन्नपूर्णा मंदिर ( annapoorna mandir) प्राचीन मंदिरों में से एक है। और इस मंदिर में माता के तीनों रूप मां लक्ष्मी मां पार्वती और मां सरस्वती विराजमान है।

ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर ओंकारेश्वर, जाने महत्व
ओमकारेश्वर के परिक्रमा पथ पर ऋण मुक्तेश्वर नाम से जाने वाले महादेव जी का मंदिर भी स्थापित है। कहा जाता है कि इस मंदिर की जो पूजा करता है वह समस्त ऋण से मुक्त हो जाता है।

ओमकारेश्वर मंदिर के स्थल पर बड़ी-बड़ी विशाल प्रतिमा स्थापित है जिसमें, महादेव का शिवलिंग, स्वयं भगवान शिव की विशाल प्रतिमा जो 90 फीट ऊंची है। और साथ में भगवान विष्णु की भी विशाल प्रतिमा स्थापित है। और साथ में अती पुराने मंदिरों में से एक गौरी महादेव मंदिर भी स्थापित है जहां पर 6 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है।

पाताली हनुमान मंदिर ओंकारेश्वर
ओमकारेश्वर के परिक्रमा पथ पर हनुमानजी (Hanuman ji mandir) का एक सिद्ध मंदिर स्थित है। यह मंदिर में हनुमानजी लेटकर विश्राम करने की मुद्रा में है। 

Post a Comment

Comments

और नया पुराने